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Sunday, September 4, 2011

Yaad - Jignesh Modi

ऐसी भीगी रातो में, जब नींद नहीं है आँखों में,

आ रही है उसकी याद, जो उलझाये रखती थी हमें अपनी बातो में,


आज भी जब नहीं रखा उन्होंने हमें अपनी यादो में,

तब भी बसाया है हमने उन्हें अपनी साँसों में,


भले भरोसा न करे वो हमारी बातो में,

दिखा देंगे सच्चा प्यार एक दिन उन्हें हमारी आँखों में.


मुश्किलें तो बहोत आएँगी मंजिल की राहों में,

पर हम भी जानते है नहीं मिलते गुलाब बिना हाथ डाले काँटों में.


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